तानाशाह किम जोंग ने डोनाल्ड ट्रंप को किया शर्मिंदा, कहा- हमने नहीं भेजी उन्हें कोई चिट्ठी


 


 


सोल। उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि किम जोंग-उन ने उन्हें चिट्ठी लिखी है। प्योंगयांग ने कहा कि ट्रंप, उत्तर कोरिया के शासक किम के साथ अपने रिश्ते का इस्तेमाल स्वार्थी उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। दरअसल, ट्रंप ने नियमित कॉन्फ्रेंस के दौरान शनिवार को पत्रकारों को बताया था कि किम की तरफ से उन्हें बेहद अच्छी चिट्ठी मिली है। ट्रंप ने वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा, मुझे हाल ही में बेहद प्यारी चिट्ठी मिली। हमें लगता है हम अच्छा कर रहे हैं। टंप ने दावा किया था कि अगर वह राष्ट्रपति नहीं चुने जाते तो अमेरिका उत्तर कोरिया के साथ युद्ध के मुहाने पर खड़ा होता। इस दौरान वह उत्तर कोरिया द्वारा मार्च से किए जा रहे छोटी दूरी के मिसाइल टेस्ट के खतरे को भी नजरअंदाज करते दिखे। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस के हमले को झेल रही है लेकिन उत्तर कोरिया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। तानाशाह किम जोन्ग उन ने पहले देश में कोरोना होने से इनकार कर दिया और अब मंगलवार को देश ने मिसाइलें दागकर दुनिया को हैरान कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दक्षिण कोरिया समकक्ष मून जेइ से भी फोन पर बातचीत के दौरान किम की चिट्ठी का जिक्र किया था। मन के सहयोगियों ने रविवार को पत्रकारों को यह बात बताई थी। लेकिन रविवार को उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, हमारे सप्रीम लीडरशिप की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति को हाल में कोई चिट्ठी नहीं भेजी गई है। मंत्री ने कहा, उन्होंने पहले भेजी गई निजी चिट्ठियों का जिक्र किया गया होगा। हम इस मुद्दे को देख रहे हैं कि कहीं अमेरिकी नेतृत्व जानबूझकर मीडिया में ऐसी स्टोरी तो नहीं फिट कर रहे हैं। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि किम और ट्रंप के रिश्ते का स्वार्थी हितों या डायवर्जन के लिए दुरूपयोग नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ट्रंप और किम अपने असाधारण रिश्ते की तारीफ करते रहे हैं। 2018 में सिंगापुर में दोनों की पहली बैठक से पहले और बाद में दोनों के बीच निजी चिट्ठियों का आदान-प्रदान भी होता रहा है।